Product Details :
- Hardcover: 94 pages
- Publisher: Navjivan (2000)
- Language: Hindi
- ISBN-10: 8172293232
- ISBN-13: 978-8172293239
- Product Description :
इस पुस्तक में गांधीजी कि रेल यात्राओ को चित्र समान लिखो के माध्यम से वर्णित किया गया है. रेलवेबोर्ड के भूतपूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में राष्ट्रिय गांधी संग्रहालय के निदेशक ड. वाई. पी. आनन्द ने प्रस्तुत पुस्तक का संपादन किया है यह पुस्तक इस बात कि भी व्याख्या करती है कि गांधीजी अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "हिन्दी सवराज" (१९०९) में ब्रिटिश भरतीय रेलवे के. प्रति क्यों इतने आलोचनात्मक थे, जिसमे उन्होंने रेलवे को वकीलो और डाक्टरो के साथ मिलकर उसे अंग्रेजो को भारत का शोषण करने और सम्राज्यवादी शक्तियो के अधीन बनाये रखने में सहायता करने का दोषी माना है. अब समय बदल गया है और स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात से ही, भारतीय रेल, सम्भवत: सशस्त्र सेनाओ के बाद देश और इसकी जनता कि सेवा में सबसे आगे है रेलवे के सम्माननीय यात्री महात्मा गांधी के रेलवे पर लिखे गए विचारो कि इस संपादित....