Product Details :
- Hardcover: 56 pages
- Publisher: National book trust,India (2005)
- Language: Hindi
- ISBN-10: 8123715927
- ISBN-13: 978-8172292997
- Product Dimensions: 23.2 x 16.7 x 2.8 cm
- Product Description :
दिल्ली के शाही खानदान पर सन् 1857 के गदर में जो कुछ बीती, इस पुस्तक में उनकी दुखभरी तथा दर्दनाक परिस्थियाँ इस प्रकार प्रस्तुत की गई हैं कि आंसुओं को रोक पाना कठिन हो जाता है। इन कहानियों की लोकप्रियता इतनी है कि उर्दू में ‘बेगमात के आंसू’ नाम से इसके 14 संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। स्व. शमसुल-उलेमा ख्वाजा हसन निजामी (1880-1995) ने 500 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं जो भाषा तथा प्रस्तुतीकरण की दृष्टि से उर्दू में विशेष महत्व रखती हैं। इनके छोटे-छोटे वाक्य, दिल्ली की टकसाली भाषा में, दिल को छू जाते हैं और आँखों के सामने एक तस्वीर-सी खींच देते हैं। इस पुस्तक के सम्पादक ख्वाजा अहमद फारुकी उर्दू के प्रसिद्ध अनुसंधात्सु तथा समालोचक हैं।